1 Part
243 times read
12 Liked
हे माधव मदनमुरारी अब हरो कष्ट मेरे भारी ये विनती सुनो हमारी एक झलक दिखा दो प्यारी। मैं दूर देश का वासी तेरे दर्शन का अभिलाषी हे करुणामय अविनाशी हर लो ...